हैलो दोस्तों,
कामयाबी एक ऐसी राह है जिसे हर माँ-बाप अपने बच्चों के अंदर सफल होने की चाह रखते हैं
बेटे की दुनियाँ बनाने की और संवारने की परवाह करते हैं।बेटा कितना ही क्यूँना नादान,बेहिसाब हो
पर उस बेटे का हिसाब वह पक्का रखते है।उसे हर बाधाओं से कोसों दूर रखते हैं।कामयाबी हर पल उसके द्वारे
दस्तक़ देती है पर बेटा उसे माना करने में कोई कसर नहीं छोड़ता है।जिससे कि वह जीवन में फेल होते चला जाता है
आख़िर क्यूँ ,क्यूँन बेटा अपनी सारी ज़रूरतों को छोड़ अपने बाप के सपनों और अरमानों को पूरा कर पता है।
क्यों बाप की पहचान से वह जाना जाता है,। क्यों नहीं खुद जीवन में कामयाब होकर दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बना कर माँ-बाप का नाम रौशन कर एक अलग दुनिया दे पता है जिसपर माता-पिता को गर्व हो सके और वह सिना चौड़ा कर समाज में कहे कि यह मेरा बेटा नहीं मैं इसका बाप हूँ|
Supper
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